अपने पन की बगिया

अपने पन की बगिया से
सजा लेे अपना संसार

फूलो की खुशबू से महक
उठे घर और परिवार

मां की ममता में बसता है
बच्चो का संसार

जीवन जीना सिखाए पिता
की फटकार

दादा दादी की कहानी में हैं
जीवन जीने का सार

भाई बहन के झगड़े में छिपा है
अटूट प्यार

पति पत्नी का रिश्ता भी देता हैं
घर को एक नया आकार

नाज़ुक डोरी रिश्तों की मांगे
बस थोड़ा सा प्यार

जीवन भर की पूंजी है
एक सूखी परिवार

भीम पुत्री ममता आंबेडकर राइटर

Published by writer Mamta Ambedkar

writer Mamta ambedkar

Leave a comment

Design a site like this with WordPress.com
Get started